Monday 20 January 2014

बड़ा ज़ाहिल है इश्क़ मेरा



बात बेबात की बात करता है,
रातें जलाता है,
बेमतलब हंसता है,
बड़ा ज़ाहिल है इश्क़ मेरा | 

दामन छोड़ के य़ू उठ चला,
न सोचा न समझा,
ऐसी अल्लहड़ सी बातें करता है,
बड़ा ज़ाहिल है इश्क़ मेरा | 

मेरे हिस्से का नशा सितारों को पिलाता है,
वो नीला आसमां भला कितना ऊपर जाएगा,
देखो बावरा सा दिल मेरा,
बड़ा ज़ाहिल है इश्क़ मेरा |


Ajay Singh Rathore
Y09 Undergraduate, The LNMIIT

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