Photo Credit: Ratika Garg
ग्रेड की टेंशन ...
प्रोजेक्ट में चाहिए एक्सटेंशन ...
लोगो का अटेंशन
तो चल राउंड पर चलते है ...
थोड़ा खाया या ज्यादा , फर्क नहीं पड़ता ...
मेस के खाने से हर कोई है सड़ता ...
जेब में हो पैसे तो कैंटीन में खाते है ...
वरना रात भर भूक से दरवाजे खटखटाते है .....
क्लास में हो मज़ा या दिन भर सज़ा .....
5 बजे का घंटा बजा ...
तो चल राउंड पर चलते है ...
अपनी पसंद पर कोई हाथ साफ़ करे ..
दिल के टुकड़े देख बाकि सब मजे करे ...
सिर्फ सच्चा दोस्त दिलासा भरे…
और फिर 10 की लस्सी ले...हम राउंड पर चले ...
ज्यादा बिजी लोग अकेले ही चले…
बड़े लोग दीदियों के साथ चले ...
"पता नहीं अपनी कब होगी " कहते हुए बाकियों क दिल जले…
रोज की यही कहानी पर तब भी सब राउंड पर चले ....
थड़ी पर फेफडों को दुखाना ...
या गणेश पर भूक हो मिटाना ....
क्लासेज के बाद हो उठना ..
या नाश्ता कर क सोजाना ...
जिधर अपनी भूतपूर्व देवी को देख गति होती है तेज़ ....
रास्ता बदलो या दोबारा याद करो वो डेज़ ...
यहाँ दिन कभी ग्राउंड तो कभी हाई होते है…
चलो यार अपन राउंड पर चलते है ...
Y12 Undergraduate, The LNMIIT
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